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पंक्तियां-मैं लिखू या न लिखू

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  पंक्तियां-मैं लिखू या न लिखू मैं लिखू या न लिखू , लिखता हूँ तो शब्दहीन हो जाता हूँ , और न लिखू तो अधूरा खुद को पाता हूँ , अब तुम ही बताओ मैं लिखू या ना लिखू l लिखता हूँ तो लगता हैं वो सब लिख दूँ , जो छिपा रखा है कही ज़हन में अपने , फिर जैसे ही कदम और कलम उठता हूँ , रुक सा जाता हूँ सोच के कही सच ना लिख दूँ , अब तुम ही बताओ मैं लिखू या ना लिखू l लिखता हूँ तो ना जाने किन यादो में खो जाता हूँ , कभी गुजरे पलो की खुशिया , तो कभी ग़म में डूब जाता हूँ , अब तुम ही बताओ मैं लिखू या ना लिखू l   लिखता हूँ तो दुनिया के कई रूपों से मिलता हूँ , कभी लोगो के लोभ तो , कभी उनके छल-कपट का सामना करता हूँ , अब तुम ही बताओ मैं लिखू या ना लिखू l धन्यवाद्!

Excuse of Pakistanis in the World Cup 2023 against India:

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Excuse of Pakistanis in the World Cup 2023 against India: 1. ICC = BCCI. 2. Well paid India. 3. Pitches are flat. 4. Matches are fixed. 5. Umpiring is not fair. 6 Naseem is not playing. 7. Shaheen is not 100% fit. 8. DRS system favouring India. 9. Babar is not a good captain. 10. Pakistani supporters are missing. 11. PCB management is not sustainable. 12. ICC is giving different balls to Indian bowlers. 13. DJ Wale Babu didn't play "Dil Dil Pakistan". 14. Pakistani supporters are not allowed to chant. 15. Why does Irfan Khan dance when Afghanistan wins. 16. India ne hame "Baryani" jaada khilai protein kam. 17. Why that team didn't play like this against India. 18. ICC making pitches favoring India and other teams. 19. Mashaallah hamare bowlers 150+ phaikhte hai No. 1 hai. 20. We will make daily new Abbu as we want to play the semi-final. 21. Inshallah we will play the final and beat our Daddy (India). 22. Pakistan should boycott this W...

पंक्तियां - बस कुछ दिन और

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  पंक्तियां - बस कुछ दिन और बस कुछ दिन और, फिर भूल जाऊँगा तुम्हे, जो बातें तुमने कही थी कभी,     जो वादा मैंने किया था कभी, जिन्हे हम निभा न पाए, जो पूरी हो सकी न कभी, बस कुछ दिन और, फिर भूल जाऊँगा तुम्हे l जो किस्मत वफ़ा लिखा था तक़दीर में , वो हमको नसीब हुई न कभी , जिसका होना उम्र भर लिखा था नहीं , वो होगा कैसे किसी का पूरा कभी , बस कुछ दिन और , फिर भूल जाऊँगा तुम्हे। जो ख़्वाब देखे वो अधूरे ही रहे , जो मांगी थी दुआ वो पूरी न हुई , जिस झूठ को मान बैठे हकीकत , अब उसकी सजा तो मिलनी ही थी , बस कुछ दिन और फिर भूल जाऊँगा तुम्हे। हासिल - ए -' उम्र - ए - वफ़ा क्या बताये , सिर्फ दर्द - ए - ग़म ही मिला है मुझे , रिश्ता - ए -' उम्र अब याद रहेगा , ' उम्र - ए - रफ़्ता क्या मिला है मुझे , बस कुछ दिन और फिर भूल जाऊँगा तुम्हे।                          ...

पंक्तिया - स्कूल की यादें

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  पंक्तिया - स्कूल की यादें   स्कूल में रोज़ देरी से जाना ,   और अपनी हाज़री दोस्तों से लगवाना l   होमवर्क पूरा करके ना ले जाना , और दोस्तों की कॉपी अध्यापक को दिखाना l   कक्षा में अध्यापक का  ना  होना , और सब दोस्तों का साथ मिल कर चिल्लाना l   अध्यापक से रोज़ मार खाना , और हर दूसरे दिन उनका हमें मुर्गा बनाना l   स्कूल की फीस टाइम पर ना भरना , और अध्यापक का फिर माता-पिता को बुलाना l   कक्षा की सफाई के बहाने प्राथना में ना जाना , और दूसरो के डब्बो से चोरी से खाना l माता-पिता का रोज़ पढ़ो पढ़ो चिल्लाना , और दोस्तों के साथ पढाई के बहाने खेलने चले जाना l   परीक्षा से रात भर पहले पढाई करना , और परीक्षा के दिन राम भरोसे रहना l   अध्यापको के अलग अलग नाम रखना , और पकडे जाने पे किसी और को फसाना l   शाम को लाइट जाने का इंतज़ार करना , और दोस्तों के साथ छुपन छुपाई खेलना l   स्कूल ख़तम होने से पहले निकल जाना , और घर पे अलग अलग कहानी सुनना l   गणित और साइंस क...

दरबार-ए-आशिकी

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दरबार-ए-आशिकी प्यार करने वाले जरा सोच के करियो , पाना ही प्यार नहीं , अपना लिया उसने तो किस्मत में जीत उसकी , और ना अपनाया तो तेरी हार नहीं l तुम्हे मांग के खुदा से , ना जाने हमने ऐसा क्या मांग लिया , रूठा है वो तबसे ही हमसे ऐसे , जैसे जहां उसका हमने सारा मांग लिया l बातें कुछ अनकही रह गई , मुलाकाते कुछ अधूरी रह गई , कहना तो हम भी उनसे बहुत कुछ चाहते थे , कुछ वो सुन न पाए और , कुछ कहने में ही हमसे देरी हो गई l अब तो बस एक ही ख्वाइश है के , वो सामने तो हो पर सामना ना हो , हमें उनसे प्यार तो हो पर इक़रार ना हो l हम प्यार उन्ही से करते हैं जिन्हे बता नहीं पातें , और जिन्हे बता दे   हाल-ए-दिल मोहब्बत अपनी , फिर वो हमें अपना   नहीं पातें  l उनके हाथो में हमने अपनी लकीरे देखि , उनके चेहरे पे अपनी मुस्कान , उनको दिल में हमने कुछ इस क़दर हैं बसा लिया , ना हो समझ पाए ना भगवान् l दिल्ली ने हमें कुछ इस क़दर हैं गले लगाया , दिल्लगी की हमने दिल्ली में , और दिल्ली में ही अपना दिल हैं गवाया l एक शक्श था जिसको मैंने जाना थोड़ा पहचाना , चम...

हलके फुल्के - विचार

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  हलके फुल्के – विचार लोग कहते हैं प्यार से मीठी कोई चीज़ नहीं होती , पर कम्बख्त वो ये क्यों भूल जाते हैं , के मौत तो डाइबटीज से भी होती हैं l दिल भरा था तो कोई सुनने वाला नहीं था , अब लोग पूछते हैं के बात क्या हुई l बहुत जल्दी बदलते हैं लोग इस दुनिया में , बहुत वक़्त लगता हैं लोगो की यहाँ फितरत समझने में l कुछ लोग प्यार को अपनी ज़िन्दगी बना लेते हैं , और उन्हें जैसे ही अपने प्यार से प्यारी कोई और मिले , उसे अपना बना लेते हैं l हम साथ थे उनके कुछ इस वजह से , के वो बस वजह पूछते रह गए , और हम साथ निभाते रह गए l धन्यवाद्!

शेर-ओ-शायरी

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  शेर-ओ-शायरी दुआएं जो मैं मांगता था वो कबूल हो गई , दुआएं जो मैं मांगता था वो कबूल हो गई , ऐ खुदा तूने तो पूरी करदी दुआ , पर लगता है मांगने में ही  मुझसे  कोई भूल हो गई l बताना चाहते हैं हाल-ऐ-दिल हम भी अपनी मोहब्बत उनसे , पर कभी बता न पाते हैं , जिनके पैरो को छु के मिलती हैं जन्नत हमे , हम दिल में तो उनके लिए भी ख्वाशिए हज़ारो रखते हैं , पर कभी अपने लफ्ज़ो पे ला ना पाते हैं l जी तो रहे हैं हम अपनी ये ज़िन्दगी , पर तन्हाई के आलम में , रिश्तो में रोज़ आती हैं दीवारे कुछ इन्ही आलम में , पर अब क्या करे और कैसे ना जीए , सोचा था कभी ख़ुशी देगी तो कभी ग़म , पर बेदर्द ही बन कर रह गई हैं अब ये ज़िन्दगी l बहुत से पहलु हैं इस छोटी सी दुनिया के लिफाफे में ,   बहुत से आंसू हैं उन हसने वाले नौजवानो में ,   बहुत कुछ सह रहे हैं वो जो कुछ कह नहीं पातें , बहुत कुछ कहना चाहते है वो भी जो बोल नहीं पातें l धन्यवाद्!