पंक्तिया - स्कूल की यादें

 



पंक्तिया - स्कूल की यादें

 

स्कूल में रोज़ देरी से जाना,  

और अपनी हाज़री दोस्तों से लगवाना l

 

होमवर्क पूरा करके ना ले जाना,

और दोस्तों की कॉपी अध्यापक को दिखाना l

 

कक्षा में अध्यापक का ना होना,

और सब दोस्तों का साथ मिल कर चिल्लाना l

 

अध्यापक से रोज़ मार खाना,

और हर दूसरे दिन उनका हमें मुर्गा बनाना l

 

स्कूल की फीस टाइम पर ना भरना,

और अध्यापक का फिर माता-पिता को बुलाना l

 

कक्षा की सफाई के बहाने प्राथना में ना जाना,

और दूसरो के डब्बो से चोरी से खाना l


माता-पिता का रोज़ पढ़ो पढ़ो चिल्लाना,

और दोस्तों के साथ पढाई के बहाने खेलने चले जाना l

 

परीक्षा से रात भर पहले पढाई करना,

और परीक्षा के दिन राम भरोसे रहना l

 

अध्यापको के अलग अलग नाम रखना,

और पकडे जाने पे किसी और को फसाना l

 

शाम को लाइट जाने का इंतज़ार करना,

और दोस्तों के साथ छुपन छुपाई खेलना l

 

स्कूल ख़तम होने से पहले निकल जाना,

और घर पे अलग अलग कहानी सुनना l

 

गणित और साइंस की क्लास से बंक लगाना,

और इंग्लिश वाली मैडम की क्लास का इंतज़ार करना l

 

कक्षा में मॉनिटर से बना के रखना,

और क्लास टीचर के सामने सीधे हो जाना l

 

टीचर के टेस्ट लेने से खौफ खाना,

और फेल होने पे घरवालों के हस्ताक्षर किसी और से कराना l

 

ड्राइंग और कंप्यूटर क्लास का इंतज़ार करना,

और पीटी क्लास से कभी टाइम पे लौट के ना आना l

 

डब्बा ना ले जाने पर एक रुपए का गोला,

और दो रुपया की चौमीन खाना l

 

क्लास में पीछे बैठ के अलग-अलग आवाज़े निकलना,

और टीचर का फिर प्रिंसिपल को बुलाना l

 

परीक्षा में फर्रे चलना,

और पकडे जाने पर टीचर के हाथ पैर जोड़ना l

 

दोस्तों से बात बात पे लड़ना,

और अगले ही पल फिर से उन्हें गले लगाना l


                                                        धन्यवाद्!

Comments

Popular posts from this blog

पंक्तियां-मैं लिखू या न लिखू

कविता - मेरा गाँव

पंक्तियां - बस कुछ दिन और