पंक्तियां-मैं लिखू या न लिखू

पंक्तियां-मैं लिखू या न लिखू मैं लिखू या न लिखू , लिखता हूँ तो शब्दहीन हो जाता हूँ , और न लिखू तो अधूरा खुद को पाता हूँ , अब तुम ही बताओ मैं लिखू या ना लिखू l लिखता हूँ तो लगता हैं वो सब लिख दूँ , जो छिपा रखा है कही ज़हन में अपने , फिर जैसे ही कदम और कलम उठता हूँ , रुक सा जाता हूँ सोच के कही सच ना लिख दूँ , अब तुम ही बताओ मैं लिखू या ना लिखू l लिखता हूँ तो ना जाने किन यादो में खो जाता हूँ , कभी गुजरे पलो की खुशिया , तो कभी ग़म में डूब जाता हूँ , अब तुम ही बताओ मैं लिखू या ना लिखू l लिखता हूँ तो दुनिया के कई रूपों से मिलता हूँ , कभी लोगो के लोभ तो , कभी उनके छल-कपट का सामना करता हूँ , अब तुम ही बताओ मैं लिखू या ना लिखू l धन्यवाद्!